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Dr. V. Narayanan: Appointed as the New ISRO Chairman | ISRO के नए चेयरमैन V Narayanan: IIT खड़गपुर से की पढ़ाई, 1984 में किया इसरो ज्वाइन, जानें पूरी जानकारी

Dr. V. Narayanan: डॉ. वी. नारायणन इसरो के नए चेयरमैन के रूप में नियुक्त, थिरुवनंतपुरम: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. वी. नारायणन 14 जनवरी 2025 से इसरो के नए चेयरमैन का पदभार संभालेंगे। वे इसरो के वर्तमान प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ का स्थान लेंगे। डॉ. नारायणन को दो वर्षों के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है, साथ ही वे अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभालेंगे।

Dr. V. Narayanan का Early लाइफ

Dr. V. Narayanan का जन्म तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के मेलाकट्टुविलाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन में तमिल माध्यम स्कूल में पढ़ाई करने वाले नारायणन ने अपने परिश्रम और लगन से क्लास 10 में टॉप किया। उनकी मेहनत का परिणाम रहा कि वे आईआईटी-खड़गपुर में प्रवेश पाने में सफल रहे। उन्होंने 1989 में क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक. प्रथम श्रेणी से पूरा किया और 2001 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त की।

Dr. V. Narayanan ने इसरो कैसे ज्वाइन किया

Narayanan ने 1984 में इसरो से अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआत में उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में सॉलिड प्रोपल्शन पर काम किया। 1989 में, वे लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) में स्थानांतरित हुए, जहां उन्होंने क्रायोजेनिक प्रोपल्शन पर काम किया। उनकी रिसर्च ने भारत को उन छह देशों में शामिल कर दिया, जिनके पास क्रायोजेनिक तकनीक की क्षमता है।

Dr. V. Narayanan ने क्या क्या किया

उनकी टीम ने सेमी-क्रायोजेनिक और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी पर भी काम किया है। डॉ. नारायणन ने 2017 से 2037 तक के लिए इसरो के प्रोपल्शन रोडमैप को अंतिम रूप दिया।

V. Narayanan का कार्यकाल इसरो के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का गवाह बनेगा। इनमें गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन, चंद्रयान-4, भारत का पहला स्पेस स्टेशन, दूसरा मंगल मिशन और वीनस ऑर्बिटर मिशन शामिल हैं। जनवरी 2025 में, इसरो का जीएसएलवी एमके-II/IRNSS-1K मिशन और गगनयान कार्यक्रम की पहली अनक्रूड फ्लाइट लॉन्च की जाएगी।

डॉ. वी. नारायणन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अंतरिक्ष में भारत का विस्तार

डॉ. नारायणन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उनका लक्ष्य भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 2% से 10% तक बढ़ाना है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से भारत की ताकत को और मजबूती मिलेगी।

डॉ. वी. नारायणन व्यक्तिगत जीवन और प्रेरणा किसे मिला

डॉ. नारायणन अपने माता-पिता, सी. वन्नियापेरुमाल और एस. थंगम्मल से प्रेरित हैं। उनकी पत्नी कविथाराज एन.के. हैं, और उनके दो बच्चे, दिव्या और कलेश, हैं।

डॉ. नारायणन का कहना है कि “यह न केवल एक बड़ी जिम्मेदारी है बल्कि एक ऐसा अवसर भी है, जहां मैं इसरो के महान नेताओं की परंपरा को आगे बढ़ा सकता हूं।” उनकी नियुक्ति भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है।

 

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